Income Tax Return Filing Due Date: जानें सब कुछ

वित्तीय वर्ष के अंत में, भारत में करदाताओं के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइलिंग की अंतिम तिथि सबसे महत्वपूर्ण तारीखों में से एक है। यह डेडलाइन वेतनभोगी और स्व-नियोजित व्यक्तियों दोनों के लिए अपनी आय रिपोर्ट करने, कटौतियों का दावा करने और किसी भी बकाया कर का भुगतान करने के लिए महत्वपूर्ण है। यहां इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तिथि, इसका महत्व और इसे चूकने के परिणामों के बारे में सब कुछ जानें।

याद रखने वाली मुख्य तिथियां

  1. व्यक्तियों और एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवारों) के लिए
    • व्यक्तियों और एचयूएफ (जिनके खातों की ऑडिट की आवश्यकता नहीं है) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 है।
  2. ऑडिट की आवश्यकता वाले व्यवसायों के लिए
    • उन व्यवसायों और इकाइयों के लिए जिनकी ऑडिट की आवश्यकता है, अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2024 है।
  3. ट्रांसफर प्राइसिंग मामलों के लिए
    • अंतरराष्ट्रीय और निर्दिष्ट घरेलू लेनदेन के लिए धारा 92ई के तहत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए बाध्य इकाइयों को 30 नवंबर 2024 तक अपना रिटर्न दाखिल करना चाहिए।

अंतिम तिथि से पहले फाइलिंग का महत्व

समय पर अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के कई लाभ हैं:

  • जुर्माने से बचें: समय पर अपना आईटीआर फाइल करने में विफलता आयकर अधिनियम की धारा 234एफ के तहत ₹10,000 तक का जुर्माना लग सकता है।
  • हानियों को आगे बढ़ाएं: करदाता जो समय पर अपना रिटर्न दाखिल करते हैं, वे कुछ हानियों को अगले वर्षों में आगे बढ़ा सकते हैं ताकि भविष्य की आय को संतुलित किया जा सके।
  • रिफंड पर ब्याज: यदि आप टैक्स रिफंड के लिए पात्र हैं, तो जल्दी फाइल करने से आपको जल्दी रिफंड मिलता है, जो वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ब्याज के साथ आता है।
  • बकाया कर पर ब्याज से बचें: देरी से फाइलिंग करने पर धारा 234ए, 234बी, और 234सी के तहत किसी भी बकाया कर पर ब्याज लग सकता है।

अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के चरण

  1. आवश्यक दस्तावेज इकट्ठा करें:
    • पैन कार्ड
    • आधार कार्ड
    • बैंक स्टेटमेंट
    • फॉर्म 16/16ए/16बी (टीडीएस प्रमाणपत्र)
    • कटौती के लिए निवेश प्रमाण
    • अन्य स्रोतों से आय का प्रमाण (किराया, ब्याज, आदि)
  2. आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर पंजीकरण/लॉगिन करें:
    • आधिकारिक ई-फाइलिंग पोर्टल (incometaxindiaefiling.gov.in) पर जाएं और अपने क्रेडेंशियल का उपयोग करके लॉगिन करें।
  3. उपयुक्त आईटीआर फॉर्म चुनें:
    • अपनी आय के स्रोतों और श्रेणी के आधार पर संबंधित आईटीआर फॉर्म चुनें (आईटीआर-1, आईटीआर-2, आईटीआर-3, आदि)।
  4. विवरण भरें:
    • अपने व्यक्तिगत विवरण, आय विवरण दर्ज करें, और विभिन्न धाराओं जैसे 80सी, 80डी, आदि के तहत कटौतियों का दावा करें।
  5. अपना रिटर्न सत्यापित करें:
    • सभी विवरण भरने के बाद, अपने रिटर्न को आधार ओटीपी, ईवीसी (इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड), या सीपीसी, बेंगलुरु को एक हस्ताक्षरित आईटीआर-वी भेजकर सत्यापित करें।
  6. सबमिट करें और स्वीकृति प्राप्त करें:
    • अपना आईटीआर सबमिट करें और भविष्य के संदर्भ के लिए स्वीकृति रसीद डाउनलोड करें।

अंतिम तिथि चूकने के परिणाम

  1. देर से फाइलिंग शुल्क:
    • धारा 234एफ के तहत ₹10,000 तक का देर से शुल्क लागू होता है। कम आय वाले करदाताओं के लिए (जिनकी आय ₹5 लाख से कम है), शुल्क ₹1,000 तक सीमित है।
  2. कर बकाया पर ब्याज:
    • धारा 234ए के तहत रिटर्न फाइलिंग में देरी के लिए ब्याज लगाया जाता है, साथ ही धारा 234बी और 234सी के तहत अग्रिम कर भुगतान में देरी के लिए भी।
  3. कुछ कटौतियों का नुकसान:
    • ‘अन्य स्रोतों से आय’ शीर्षक के तहत हानियों को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है यदि रिटर्न अंतिम तिथि के बाद फाइल किया जाता है।
  4. रिफंड में देरी:
    • किसी भी रिफंड में देरी होती है, क्योंकि देर से दाखिल किए गए रिटर्न की प्रोसेसिंग में अधिक समय लगता है।

अंतिम विचार

समय पर अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना न केवल एक कानूनी अनिवार्यता है, बल्कि एक वित्तीय जिम्मेदारी भी है जो आपको अनावश्यक जुर्माने और ब्याज से बचा सकती है। ऑनलाइन फाइलिंग की सुविधा के साथ, यह प्रक्रिया और भी सरल हो गई है। इसलिए, अपनी तारीख को चिह्नित करें, अपने दस्तावेज़ इकट्ठा करें, और एक सुगम टैक्स अनुभव के लिए आईटीआर फाइलिंग की अंतिम तिथि सुनिश्चित करें।

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