Youth Icons or Controversial Influencers: The Dark Side of Social Media

आजकल के युवा आइकॉन कहे जाने वाले लोग कौन हैं? वे लोग जो खुद को सोशल मीडिया पर प्रभावशाली मानते हैं और उनके फॉलोअर्स उनके हर कदम पर नजर रखते हैं। ये लोग केवल टी.वी. और मीडिया में अधिक दिखते हैं और उनका मानना है कि किसी विवाद के चलते चर्चा में बने रहना ही एक बड़ी उपलब्धि है। ये हम बात कर रहे हैं उन ‘इन्फ्लुएंसर्स’ की, जिन्होंने अपनी पहचान विवादों के जरिये बनाई है।

बिग बॉस से बने इन्फ्लुएंसर

इन्हें यह ‘उपलब्धि’ जनता ने ही दी है, जो इनके कारनामों को देखकर मानते हैं कि वे देश को सही दिशा में नहीं ले जा रहे हैं। एक ऐसा ही नाम है एलविश यादव, जो एक बिग बॉस विजेता के रूप में सामने आया। एलविश यादव को सोशल मीडिया पर देखा गया है कि वे लोगों के साथ झगड़े करते हैं, और यह सिलसिला खुद से ही चलता जाता है। लोग उनकी हरकतों को देखते हैं, और इसी तरह उनके वीडियो वायरल होते रहते हैं। लेकिन इन विवादों के चलते वे कानून के दायरे से बाहर जाते दिखे हैं।

विवादों के घेर में फंसे इन्फ्लुएंसर्स

एलविश यादव और फाजिल पुरीया जैसे अन्य ‘इन्फ्लुएंसर’ भी विवादों से दूर नहीं हैं। हाल ही में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा फाजिल पुरीया को मानव तस्करी से जुड़े एक मामले में आरोपित किया गया है। फाजिल पुरीया, जो एक लोकप्रिय गायक हैं, पर जंगली जानवरों का अवैध उपयोग करने और संगीत वीडियो में संरक्षित प्रजातियों का शोषण करने के आरोप हैं। इसके साथ ही, इनका नाम बॉबी कटारिया के साथ भी जुड़ा है, जो पहले से ही मानव तस्करी के मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

वन्यजीव संरक्षण और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एलविश यादव, फाजिल पुरीया और उनके सहयोगियों पर वन्यजीव संरक्षण कानून और मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया है। इन पर आरोप है कि उन्होंने अवैध तरीके से अर्जित पैसे से संपत्ति खरीदी और अपने म्यूजिक वीडियो में संरक्षित वन्यजीवों का इस्तेमाल किया। आरोप यह भी है कि इन वीडियो के माध्यम से उन्होंने यूट्यूब पर राजस्व कमाया और इन पैसों का उपयोग अवैध गतिविधियों के लिए किया गया।

सोशल मीडिया की अंधी दौड़

यह बेहद चिंताजनक है कि आज के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, चाहे वह एलविश यादव हों या फाजिल पुरीया, युवा पीढ़ी के आदर्श बनते जा रहे हैं। वे अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए विवादित और अवैध गतिविधियों का सहारा ले रहे हैं। दुर्भाग्यवश, यह प्रवृत्ति केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर राजनीति और समाज के विभिन्न क्षेत्रों पर भी पड़ रहा है।

निष्कर्ष

समाज में जब भी कोई व्यक्ति या समूह गलत रास्ते पर चलता है, तो उसकी जिम्मेदारी केवल उस व्यक्ति की नहीं, बल्कि समाज की भी होती है, जिसने उसे इस मुकाम पर पहुंचाया। एलविश यादव और फाजिल पुरीया जैसे इन्फ्लुएंसर केवल मनोरंजन नहीं कर रहे हैं, बल्कि युवा पीढ़ी को गलत दिशा में ले जा रहे हैं। सोशल मीडिया के इस अंधेरे पक्ष से हमें सावधान रहना होगा और समझना होगा कि वास्तविक सफलता विवादों से नहीं, बल्कि समाज को सही दिशा में ले जाने से मिलती है।

Leave a Comment